मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन किया गया है, जिसका असर त्यौहारों पर भी पड़ रहा है।
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन किया गया है, जिसका असर त्यौहारों पर भी पड़ रहा है। सामने बकरीद और रक्षाबंधन जैसे दो बड़े त्यौहार हैं।
लॉकडाउन से बकरीद और राखी का माहौल और व्यापार दोनों प्रभावित हो रहा है। व्यापारियों का कहना है कि भोपाल में बकरा व्यापारियों को लगभग 3 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस पर मुस्लिम संगठन लॉकडाउन का विरोध कर रहे हैं
वहीं हिन्दू संगठनों ने इको फ्रेंडली ईद मनाने की दी सलाह जहां एक तरफ मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।
वहीं हिंदू संगठनों ने सलाह दी है कि इस बार मिट्टी के बकरे की कुर्बानी दी जाए। सरकार जहां लॉकडाउन को सही निर्णय बता रही है बकरा व्यापारी इसे ज्यादती बता रहे हैं। बता दें भोपाल में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के चलते त्यौहारों के दौरान 10 दिन का लॉकडाउन रखा गया है,
जिससे बड़ी मुस्लिम वाले इस शहर में बकरा व्यापारियों को बकरीद पर होने वाले व्यवसाय में 3 करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात कही जा रही है।
बकरीद पर हो रही सियासत को लेकर सरकार ने अपना पक्ष रखा है। इस मामले में मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि सभी पक्षों से चर्चा करके लॉकडाउन का निर्णय लिया गया है।
बता दें भोपाल में शनिवार से 10 दिनों के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। भोपाल जिले की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। भोपाल में आने जाने के लिए इन दस दिनों के दौरान ई-पास की जरूरत होगी।
प्रशासन की तरफ से जारी आदेशों के मुताबिक टोटल लॉकडाउन की स्थिति में भोपाल जिले के अंदर आवागमन, अन्य स्थान से जिले में आना और यहां से बाहर जाना प्रतिबंधित है।
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