टीकरी बार्डर खोलने पर फिर फंसा पेंच, हादसों से आशंकित हैं किसान, प्रशासन के साथ नहीं बनी सहमति
गणतंत्र दिवस पर निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा सील किए गए
टीकरी बॉर्डर के खुलने पर अभी संशय बना हुआ है। अदालतों के संज्ञान और हरियाणा सरकार के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने एक तरफ से मल्टी लेयर बेरिकेडिंग तो हटा दी है। अब केवल एक सीसी बेरिकेडिंग हटानी शेष है। लेकिन प्रशासन व किसानों में हुई बैठक बेनतीजा खत्म हो गई। किसान एंबुलेंस के साथ ही दो-पहिया व तीन पहिया वाहनों के लिए 5 फुट तक रास्ता खोलने पर रजामंद हैं।
वे चार-पहिया वाहनों के लिए रास्ता पूरी तरह खोलने को लेकर सहमत नहीं हैं। इसे लेकर अधिकारी शनिवार को भी टीकरी बॉर्डर पर किसानों को मनाने का प्रयास करेंगे। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय 6 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में होने की उम्मीद है। बता दें कि मंगलवार को प्रदेश के एसीएस राजीव अरोड़ा द्वारा टीकरी बॉर्डर का मौका निरीक्षण करने उपरांत हलचल बढ़ी थी।
वीरवार दोपहर बाद दिल्ली पुलिस ने भी मल्टी-लेयर बेरिकेडिंग हटानी शुरू कर दी थी।
रात भर सड़क पर से लोहे की कीलें, सीसी की दीवारें व अन्य अवरोधक हटाने का सिलसिला जारी रहा। इसके बाद शुक्रवार दोपहर को बहादुरगढ़ के लघु सचिवालय में हरियाणा व दिल्ली के अधिकारियों के साथ किसानों व उद्यमियों की बैठक शुरू हुई। बैठक में डीसी श्याम लाल पूनिया, एसपी वसीम अकरम, मुंडका थाना एसएचओ गुलशन नागपाल, एसडीएम भूपेंद्र सिंह, किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल
जसविंद्र सिंह के अलावा उद्यमी विकास आनंद सोनी, नरेंद्र छिकारा, हरिशंकर बहती, पवन जैन व सुशील अग्रवाल आदि मौजूद रहे। देर शाम तक चली बैठक बिना सहमती के समाप्त हो गई।
दरअसल, लगातार बढ़ रहे हादसों के कारण किसान आंदोलनस्थल के निकट यातायात के भारी आवागमन से दुर्घटनाओं को लेकर आशंकित हैं। उन्होंने स्कूटर, मोटरसाइकिल, थ्रीव्हीलर आदि के लिए रास्ता खोलने पर सहमति देते हुए भारी वाहनों के आवागमन पर आपत्ति जताई है।
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