मंडी अधिनियम में संशोधन कर सरकार वसूलेगी किसान शुल्क
छत्तीसगढ़ में मौजूदा कृषि उपजमंडी (संशोधन) विधेयक 2020 में एक महत्वपूर्ण संशोधन की तैयारी की जा रही है। यह संशोधन पारित होने तथा उसे मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में कृषक ऐसे ली जाएगी
मंडी फीस ऐसी दरों से जो कि राज्य सरकार द्वारा समय समय पर कीमत के प्रत्येक एक सौ रूपए पर न्यूनतम 50 पैसे की दर के और अधिकतम तीन रुपए की दर के अध्याधीन रहते हुए नियत की जाए। विहित रीति में मंडी फीस ली जाएगी।
इसके अतिरिक्त ऐसी दरों से जो राज्य सकार द्वारा समय समय पर कीमत के प्रत्येक साै रुपए पर न्यूनतम 50 पैसे की दर के और अधिकतम दो रुपए के अध्याधीन रहते हुए नियत की जाए विहित रीति में कृषक कल्याण शुल्क लिया जाएगा।
पहली बार बिक्री पर नहीं लगेगी मंडी फीस व शुल्क संशोधन यह भी किया जा रहा है कि उस मंडी को छोड़कर जिसके मंडी क्षेत्र में अधिसूचित कृषि उपज यथा स्थिति किसी कृषक या व्यापारी द्वारा पहली बार बेचने या प्रसंस्करण या विनिर्माण के लिए लाई गई
हो तो कोई मंडी समिति ऐसी मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क नहीं ले सकेगी। सरकार मंडी अधिनियम की धारा 79 की उपधारा (2) के खंड पांच में भी बदलाव कर रही है।
यह बदलाव मंडी का प्रबंध और मंडी फीस की वसूली प्रक्रिया एवं मंडी फीस के अपवंचन के लिए जुर्माना तथा विवरणियां देने में व्यक्तिकम होने की दशा में मंडी फीस के निर्धारण की रीति में बदलाव किया जाएगा।
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