गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से प्रयागराज के निचले इलाकों में बाढ़, हाई अलर्ट जारी
गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण प्रयागराज के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है।
राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ को बुलाया गया है। जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान के धौलपुर बैराज से चंबल नदी में 17 लाख 81 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
यह पानी सात अगस्त तक प्रयागराज पहुंच जाने की संभावना है, जिसके बाद बाढ़ के हालात और भीषण होने की आशंका जताई जा रही है। मंडलायुक्त संजय गोयल का कहना है कि गंगा-यमुना के तटीय इलाके में मुनादी कराकर लोगों को सावधान किया जा रहा है कि सुरक्षित स्थानों की ओर रूख करें। बाढ़ में फंसे लोगों की मदद की जा रही है।
प्रशासन के मुताबिक एनडीआरएफ की टीम को गंगा और यमुना, दोनों नदियों के तटीय इलाकों में तैनात किया गया है।
दोनों नदियों के जलस्तर पर भी लगातार निगरानी रखी जा रही है। 2019 से आई थी बाढ़, इस बार अधिक खतरा प्रयागराज में इससे पहले 2019 में बाढ़ का सामना करना पड़ा था। इस बार उससे भी ज्यादा भयावह स्थिति बन रही है। बताया जा रहा है कि 2019 में गंगा का जलस्तर 85 मीटर तक गया था।
इस बार इसके इससे ज्यादा ऊपर जाने का अंदेशा जताया जा रहा है। खबरों के मुताबिक धौलपुर बैराज से 17 लाख 81 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कौशांबी में भी बाढ़ का आना तय है। प्रशासन ने लोगों से भी पूरी तरह चौकस रहने की अपील की है।
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