बिजली बेचकर कमाएंगे 2000 करोड़ ज्यादा, नहीं होगी महंगी
रायपुर. प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं काे नए साल में महंगी बिजली का झटका लगने की संभावना नहीं है। छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर वितरण कंपनी ने बिजली नियामक आयोग में जो याचिका लगाई है,
उसमें कंपनी को नए साल में दो हजार करोड़ का राजस्व ज्यादा मिलने की संभावना है, लेकिन इसी के साथ कंपनी ने पिछले दो साल में कम मिले छह हजार करोड़ की भी मांग रखी है।
अब आयोग लेखा-जोखा देखकर तय करेगा कि कंपनी का कितना राजस्व मान्य होगा और नए साल में कीमत में इजाफा होगा या नहीं। बिजली का नया टैरिफ तय करने का काम विद्युत नियामक आयोग करता है। इसके लिए पाॅवर कंपनी आयोग को अपना सालभर का हिसाब बनाकर भेजती है।
इस हिसाब के आधार पर कई बार यह बताती है कि उसे कितने राजस्व की जरूरत है और इसको पूरा करने के लिए बिजली की कीमत में कितना इजाफा करना होगा, लेकिन पिछले कुछ सालों से पाॅवर कंपनी बिजली की कीमत में किसी भी तरह का इजाफा करने का कोई प्रस्ताव नहीं भेज रही है।
आयोग लेखा-जोखा देखने के बाद जनसुनवाई करता है और फिर तय किया जाता है कि बिजली की कीमत में कितना इजाफा करना है या कीमत को यथावत रखना है।खर्च कम, आय ज्यादा पावर कंपनी ने जो लेखा-जोखा आयोग को भेजा है,
उसमें कंपनी ने 2021-22 में 16 हजार 580 करोड़ का खर्च अनुमानित बताया है। इसी के साथ 18 हजार 600 करोड़ का राजस्व मिलने की संभावना भी जताई है। ऐसे में कंपनी को दो हजार 20 करोड़ ज्यादा मिलेंगे। इन आंकड़ों से तय है कि बिजली की कीमत में इजाफा नहीं होगा।
लेकिन इसी के साथ कंपनी ने आयोग को बताया है कि 2018 और 2019 में कंपनी को तय राजस्व से 6054 करोड़ कम मिले हैं। ऐसे में नए साल के दो हजार के ज्यादा राजस्व को पुराने अंतर में कम करने के बाद भी कंपनी को करीब चार हजार करोड़ की और जरूरत होगी।
अब आयोग समीक्षा करके देखेगा कि वास्तव में कंपनी को कितने खर्च की जरूरत पड़ेगी और उनकाे वास्तव में कितना राजस्व मिलेगा। इसी के आधार पर नए साल का टैरिफ तय होगा।
प्रस्ताव भेजा है आयोग को नए साल के लिए लेखा-जोखा बनाकर भेजा है। अब आयोग इसकी समीक्षा करके तय करेगा कि टैरिफ में इजाफा करना है या नहीं। – अंकित आंनद, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनीज
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