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किसान आंदोलन : अब घंटे के हिसाब से बढ़ने लगी किसानों के वाहनों की संख्या, साथ देने कई मजदूर संगठन, सामाजिक संगठन भी पहुंचे

किसान आंदोलन : अब घंटे के हिसाब से बढ़ने लगी किसानों के वाहनों की संख्या, साथ देने कई मजदूर संगठन, सामाजिक संगठन भी पहुंचे

किसान आंदोलन : अब घंटे के हिसाब से बढ़ने लगी किसानों के वाहनों की संख्या, साथ देने कई मजदूर संगठन, सामाजिक संगठन भी पहुंचे

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सोनीपत : किसान आंदोलन में विभिन्न स्थानों से किसानों के जत्थों का पहुंचना जारी रहा। हरियाणा, पंजाब के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों, ट्रक व कैंटर में जत्थों के रूप में पहुंच रहे हैं।

स्थिति यह हो गई है कि हर घंटे किसानों के करीब 10 से 15 वाहन किसानों के धरने पर पहुंच रहे हैं। जो भी गाड़ी धरनास्थल पर पहुंच रही है, वही अपने साथ खाना-पानी के साथ अन्य रसद लेकर पहुंच रही है। इससे धरने पर बैठे किसानों को रसद संबंधी किसी प्रकार की परेशानी आती नजर नहीं आ रही।

दूसरी तरफ आस-पास के गांवों से किसान भी यहां खाद्य सामग्री पहुंचा रहे हैं। खाद्य सामग्री लेकर पहुंच रहे बहुत से लोगों को किसान वापस भी लौटा रहे हैं।

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का साथ देने के लिए देशभर के मजदूर-किसान संगठनों के अलावा कई सामाजिक संगठन भी पहुंच रहे हैं। किसानों द्वारा सभी मार्ग अवरूद्ध करने की चेतावनी के चलते पुलिस ने औचंदी बार्डर व सफियाबाद बार्डर को पूरी तरह सील कर दिया।

किसान आंदोलन में विभिन्न स्थानों से किसानों के जत्थों का पहुंचना जारी रहा।

इन मार्गों को एनएच-44 का वैकल्पिक मार्ग मान रहे वाहन चालकों के लिए दिक्कत अब बढ़ गई है। सीमाएं सील, पैदल ही कर पा रहे दिल्ली में प्रवेश किसान आंदोलन के चलते औचंदी बॉर्डर व सफियाबाद बॉर्डर के सील होने के बाद दिल्ली जाने वालों की मुसिबतें बढ़ गई है।

दिल्ली आवागमन का रास्ता अब पूरी तरह से बंद हो चुका है। केवल पैदल राहगीर ही दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर पा रहे हैं। ऐसे में सभी मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लगने लगी हैं। प्रशासन भी किसानों के जमावड़े पर पूरी नजर बनाए हुए है।

धरनारत किसानों को पहुंचा रहे फल, सब्जियां व दूध कुंडली बार्डर पर बैठे किसानों की मदद के लिए हरियाणा का किसान भी पीछे नहीं है। वह भी कच्चे माल से लेकर सब्जियां व सूखा राशन लेकर पहुंच रहे हैं। आसपास के गांव में भी लोगों ने मदद पहुंचाई।

लोकल किसान अपने ट्रैक्टर ट्राली में आटा, दाल, नमक, दूध, चावल और सब्जियां लेकर किसानों तक पहुंचा रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक कुंडली बार्डर पर किसान बैठे हैं, वे यहां मदद पहुंचाते रहेंगे। किसानों ने बताया कि वे चौतरफ दिल्ली को बंद कर रहे हैं।

यदि आंदोलन आगे बढ़ा तो वे दिल्ली पानी रोकने पर भी विचार करेंगे। प्रदर्शन, तख्तियों व नारेबाजी से किसानों में जोश भर रहे युवा कुंडली बार्डर पर लगातार बढ़ रहे जमावड़े के बीच एक सभा पूरा दिन चलती रहती है। वहीं, अब सिंघु बार्डर के दूसरी ओर भी किसानों का धरना शुरू हो गया है।

किसानों के धरने पर पूरा दिन किसान, मजदूर नेता किसानों में जोश भरते रहते हैं। वहीं, दिल्ली के कई शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थी नुक्कड़ नाटकों, गानों व तख्तियों के जरिये विरोध प्रदर्शन कर किसानों की मदद कर रहे हैं।

विद्यार्थियों ने किसानों के जमावड़े पर युवा किसानों के साथ तख्तियां तैयार करने का काम शुरू कर दिया है, जिन पर अलग-अलग स्लोगन लिखकर मीडिया के सामने प्रदर्शन किया जा रहा है।

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