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सिंघु बॉर्डर पर तीन बजे होगी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक

सिंघु बॉर्डर पर तीन बजे होगी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक

सिंघु बॉर्डर पर तीन बजे होगी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक

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हरियाणा के सोनीपत में कुंडली समेत अन्य बॉर्डर पर लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा और सरकार के बीच जल्द समझौते की उम्मीद जगी है।

सूत्रों के अनुसार, एसकेएम को लिखे ताजा पत्र में केंद्र ने कहा है कि वह किसानों की सभी मांगें मानने को तैयार है। सरकार ने हरियाणा/यूपी में किसानों के खिलाफ सभी मामलों को तत्काल निलंबित करने की पेशकश की है। अब समिति नए प्रस्ताव पर विचार कर रही है। हालांकि इस बारे में किसी भी किसान नेता ने पुष्टि नहीं की है। वहीं सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक का समय अब तीन बजे कर दिया गया है। 

दिल्ली में बैठक शुरू वहीं दिल्ली में ऑल इंडिया किसान सभा के दफ्तर में संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय कमेटी की बैठक शुरू हो गई है। इसके बाद दोपहर तीन बजे सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगामी निर्णय लिया जाएगा। उम्मीद है कि तीन बजे आंदोलन समाप्ति का एलान हो सकता है। सरकार मामले वापस लेने की समयसीमा तय करे : चढ़ूनी

दिल्ली में किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि किसानों का विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी सभी मांगों को स्वीकार नहीं कर लेती। अगर हम अपना विरोध वापस ले लेते हैं लेकिन वे मामले वापस नहीं लेते तो हमारे लिए समस्या हो जाएगी। सरकार को मामलों को वापस लेने की समयसीमा घोषित करनी चाहिए। 

हरियाणा के सोनीपत में कुंडली समेत अन्य बॉर्डर पर लंबे समय से चल रहे

संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय समिति के सदस्य अशोक धवले ने कहा कि हम इस बात की सराहना करते हैं कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है और लिखित में कुछ दे रही है।

लेकिन प्रस्ताव में कुछ खामियां थीं, इसलिए कल रात हमने इसे कुछ संशोधनों के साथ वापस भेज दिया और अब हम सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं। किसान संघ के सदस्यों सहित एमएसपी-केंद्रित समिति के गठन की आवश्यकता है। सरकार ने यह भी कहा कि आंदोलन खत्म करने के बाद हमारे खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए जाएंगे। यह गलत है। हमें यहां ठंड में बैठना पसंद नहीं है। 

सैद्धांतिक रूप से मुआवजे को मंजूरी दे दी गई है, हमें पंजाब मॉडल जैसा कुछ ठोस चाहिए। उन्होंने बिजली बिल को वापस लेने का भी वादा किया था, लेकिन अब वे हितधारकों के साथ इस पर चर्चा करना चाहते हैं और फिर इसे संसद में रखना चाहते हैं। यह विरोधाभासी है।
तीन बिंदुओं पर अटकी है बात मंगलवार को मोर्चा की अहम बैठक शुरू होने से ठीक पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से छह सूत्रीय प्रस्ताव लेकर आए

प्रतिनिधिमंडल ने कुंडली में मोर्चा कमेटी के सभी पांच सदस्यों से गुप्त बैठक की थी।बैठक के बाद कमेटी के सदस्यों ने सभी प्रस्ताव मोर्चा की बैठक में रखे। इन प्रस्तावों में से तीन बिंदुओं पर किसान नेताओं ने सवाल खड़े किए। उन्होंने सरकार से बुधवार तक स्पष्टीकरण मांगा था।
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