मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए आसान नहीं है राह, बगैर बैसाखी नहीं बना पाएगी सरकार
भोपाल। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर मतदान हो गया है। इन सीटों पर 69.68 प्रतिशत वोटिंग हुई। 2018 के विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो उपचुनाव (72.93 प्रतिशत) से 3 प्रतिशत कम रहा।
ऐसा माना जा रहा था कि कोविड-19 के चलते मतदान कम होगा, लेकिन आंकड़े देखें तो लोगों ने मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हालांकि, मतदान के आंकड़ों से यह तय नहीं किया जा सकता कि मतदाताओं का रुझान किस तरफ था..?
लेकिन, यह साफ है कि कांग्रेस 28 में से 21 सीटें भी जीतती है तो उसे सरकार बनाने के लिए सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों को साथ लेना होगा। जबकि, भाजपा 9 सीटें जीतकर अपनी सत्ता बचा लेगी।
मध्य प्रदेश से पहले दिसंबर 2019 में कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीयू से टूट कर 17 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था। मध्यप्रदेश की तरह कर्नाटक में भी 15 सीटों पर उपचुनाव हुआ था।
कर्नाटक के उपचुनाव में पोलिंग प्रतिशत 66.49 था जो 2018 के चुनाव से करीब 5 प्रतिशत कम रहा। वहां भाजपा 15 में से 12 सीटें हासिल कर सत्ता में आ गई थी।
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