किसानों का विरोध : जींद से पैदल टिकरी बॉर्डर पहुंचे 100 किसान
किसान आंदोलन में अब हरियाणा का किसान भी पूरी तरह से जुट गया है। जींद से पैदल चलकर 100 किसान टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे। किसान नेता विकास सीसर ने इन सभी का स्वागत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को समझ जाना चाहिए
कि पिछले 31 दिनों से टीकरी बॉर्डर पर किसान सड़क पर बैठे हैं। लेकिन सरकार उनकी बातों को सुनने को तैयार नहीं है। राष्ट्रवादी युवा किसान संगठन के बैनर तले पैदल मार्च करते हुए जींद से बहादुरगढ़ पहुंचे किसानों ने सरकार से कृषि कानून को वापस लेने के लिए नारे लगाए।
इन 100 लोगों मंे जींद जिले के विभिन्न जातियों के लोग शामिल हैं। उनका कहना है कि सरकार कृषि कानूनों पर नकली किसानों का समर्थन लेकर भ्रम फैला रही है। अब उसे यह साजिश बंद कर देनी चाहिए।
देशभर का किसान दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर बैठा हुआ है। इसके बावजूद सरकार बातों को सुनने को तैयार नहीं है। भाजपा सरकार में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। एक महीने से किसान दिल्ली को घेरे बैठे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
सरकार को राजहठ छोड़कर जनता की बात सुननी और माननी चाहिए। बता दे कि भीषण जाड़े में देश की आर्थिक संप्रभुता को बचाने के लिए लाखों अन्नदाता दिल्ली के दरवाजे पर डेरा डाले हुए हैं।
पिछले एक महीने से बहादुरगढ़ के बाईपास पर जाखौदा से लेकर टीकरी बॉर्डर तक किसानों का जमावड़ा है। टीकरी बॉर्डर पर धरने के दौरान किसान नेताओं ने सरकार की नीयत और नीति पर जमकर सवाल उठाए और कृषि विरोधी कानून रद करने की मांग दोहराई।
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