किसान संगठनों, खाप पंचायतों को कृषि कानूनों की उपयोगिता समझायेंगे भाजपा नेता
भाजपा अब किसान आंदोलन की धार कुंद करने के लिए लोगों के बीच सम्पर्क अभियान शुरू करेगी। पार्टी संगठन के पदाधिकारी तथा विधायक-सांसद उत्तर प्रदेश,
हरियाणा और राजस्थान के किसान संगठनों और खाप पंचायत के नुमाइदों तथा खेती किसानी से जुड़े तबको के साथ बैठकें कर यह समझाने की कोशिश करेंगे कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए लाभदायक साबित होंगे।
कानूनों पर भ्रम दूर करने की इस कवायद के तहत यह भी लोगों को समझाया जाएगा कि विपक्षी दल सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार और भाजपा को राजनैतिक नुकसान पहुंचाने के लिए इन कानूनों के खिलाफ झूठा प्रचार छेड़े हुए हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा गृहमंत्री अमित शाह एवं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित थे। इसके साथ हरियाणा एवं यूपी और राजस्थान के कई सांसदों और विधायकों व प्रदेश संगठन के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह तय किया गया।
नई दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में मंगलवार शाम को हुई यह बैठक इस बात को लेकर बुलाई गई थी कि उपरोक्त तीनों राज्यों में आए दिन हो रही किसान पंचायतों के बढ़ते प्रसार और प्रभाव का मुकाबला कैसे किया जाए।
सूत्रों के अनुसार ज्यादातर प्रदेश नेता इस बात पर एकमत थे कि किसानों को समझाने की जरूरत है। पुलिस के बल पर सख्ती से पेश आकर टकराव पैदा करने से जितना संभव हो बचने की जरूरत है।
पार्टी आलाकमान का नेताओं को निर्देश पार्टी के किसान नेताओं के साथ बैठक में पार्टी आलाकमान ने सभी नेता से कहा कि आप जनता के बीच जाकर जो कृषि कानूनों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है उसको दूर करने की कोशिश करें।
इस बैठक के दौरान जेपी नड्डा ने नए कृषि कानूनों पर पार्टी नेताओं से फीडबैक लिया। साथ ही इस बैठक के दौरान जेपी नड्डा ने जाट किसानों में उभरे असंतोष को लेकर भी चर्चा की।
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और कृष्ण पाल गुर्जर एवं सांसद सत्यपाल सिंह, हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ओपी धनखड़, सांसद बृजेन्द्र सिंह, धर्मबीर, संजय भाटिया सहित बहुत से नेता पार्टी मुख्यालय पहुंचे थे।
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