त्रिपुरा में धारा-144 लगाए जाने के बाद TMC ने अभिषेक की अगरतला की रैली की स्थगित
त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश में बाद तृणमूल कांग्रेस सांसद एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने अगरतला में होने वाली मेगा रैली सहित राज्य में होने वाले अपने सभी निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है. टीएमसी ने ट्विटर पर घोषणा की कि बिप्लब देब सरकार ने पूरे राज्य में धारा 144 लगा दी है, जो दो से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाती है. ममता बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा में भी खेला होगा. ममता बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा में धारा 144 इसलिए लगा दी गई है,
ताकि अभिषेक बैठक नहीं कर पाएं. क्या आप दुर्गा पूजा के दौरान धारा 144 जारी करेंगे? बीजेपी झूठी पार्टी है. धारा 144 बंगाल में नहीं बीजेपी शासित इलाकों में है. कुछ भी हो तो चुनाव रोकना चाहते हैं. यह चुनाव भारत के अलग-अलग हिस्सों में शिक्षा देगा.यह मैच त्रिपुरा में खेला जाएगा. सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी जुमला पार्टी है.
भाजपा एक ‘जुमला’ पार्टी है. वे यह कहते हुए झूठ बोलते हैं कि हम राज्य में दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा की अनुमति नहीं देते हैं. दूसरी ओर, तृणमूल ने आज बैठक रद्द करने के फैसले के खिलाफ त्रिपुरा उच्च न्यायालय में अपील करेगी. रैली को बंद करने के त्रिपुरा प्रशासन के निर्देश को चुनौती देते हुए तृणमूल अदालत जाएगी. वे त्रिपुरा प्रशासन के इस निर्णय की स्पष्ट व्याख्या जानना चाहेंगे.
इनडोर बैठकें भी आयोजित करने की अनुमति के लिए क्या आवश्यकताएं हैं? यह पूछा जाएगा कि क्या इसकी बिल्कुल अनुमति होगी, यदि हां, तो कितने लोग रह सकते हैं.
टीएमसी ने कहा, हमने कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए अपने सभी आयोजनों के लिए त्रिपुरा सरकार से इजाजत मांगी थी, हालांकि हर बार उन्होंने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया. इस बार उन्होंने हमारे आवेदनों का जवाब भी नहीं दिया. इसके बाद जब हमने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो बताया गया कि राज्य में धारा 144 लगी है,
जिसके कारण राज्य में किसी भी तरह के आयोजन करने पर पाबंदी है. त्रिपुरा में लगा दिया गया है कि धारा 144 सरकार के नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करने के हाईकोर्ट के फैसले को मानते हुए हमने त्रिपुरा में अपने निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है. हम कोर्ट जाएंगे और इस तरह से सरकार की ओर से लगाए जाने वाले मनमाने प्रतिबंधों के खिलाफ स्पष्ट नीति की मांग करेंगे.
उल्लेखनीय है कि ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब टीएमसी को त्रिपुरा में रैली करने की इजाजत नहीं मिली है. इससे पहले 15 और 16 सितंबर को भी त्रिपुरा पुलिस ने टीएमसी को रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद टीएमसी ने अपने कार्यक्रम को 21 सितंबर को पुनर्निर्धारित किया और अनुमति मांगी. उन्हें 19 सितंबर तक अधिकारियों से कोई जवाब नहीं मिल पाया, जिसके बाद टीएमसी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
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