तालिबान और कतर की बढ़ रही ‘दोस्ती’, विदेश मंत्री अब्दुलरहमान अल-थानी ने की नए PM हसन अखुंद से मुलाकात
तालिबान सरकार के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद ने रविवार को कतर के विदेश मंत्री से मुलाकात की.
पिछले महीने तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा जमाने के बाद अफगानिस्तान में हुई ये किसी नेता द्वारा सबसे उच्चतम स्तर की विदेश यात्रा है. कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा, शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने देश के नए शासकों से राष्ट्रीय सुलह में सभी अफगान दलों को शामिल करने का आह्वान किया.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दोनों पक्षों ने राष्ट्रपति भवन में बैठक की. इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों, मानवीय सहायता, आर्थिक विकास और दुनिया के साथ बातचीत पर चर्चा की. कतर के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, शेख मोहम्मद और तालिबान के प्रधानमंत्री हसन अखुंद ने अफगानिस्तान की स्थिरता को खतरा पैदा करने वाले आतंकवादी संगठनों से निपटने के लिए ठोस प्रयासों, देश में शांति बढ़ाने के तरीकों और लोगों के सुरक्षित बाहर जाने के रास्तों को लेकर चर्चा की.
कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख मोहम्मद ने अफगान अधिकारियों से सभी अफगान पक्षों को राष्ट्रीय सुलह में शामिल करने की गुजारिश की. हसन अखुंद ने मदद के लिए कतर को धन्यवाद कहा मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि काबुल एयरपोर्ट के संचालन, सभी के लिए यात्रा और ट्रैवल की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के संबंध में भी बातचीत हुई.
हसन अखुंद ने अफगानिस्तान के लोगों की सहायता के लिए कतर को धन्यवाद दिया.
अखुंद ने इस बात पर जोर दिया कि कतरी लोगों ने शांति और स्थिरता को अपनाने में अफगानों की मदद की. कतरी लोग कठिन परिस्थितियों में अफगान लोगों के साथ खड़े रहे हैं. बातचीत में अफगानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय सहायता के महत्व पर भी ध्यान दिया. कतर के विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान और कतर के भविष्य में अच्छे संबंध होंगे.
इन नेताओं ने भी लिया बैठक में हिस्सा इस बैठक में तालिबान के उपप्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफी, विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी, रक्षा मंत्री याकूब मुजाहिद, गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी और खुफिया प्रमुख अब्दुल हक वासीक सहित कई अन्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया.
कतरी विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख मोहम्मद ने पिछली अफगान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से भी मुलाकात की.
ये मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब तालिबान ने अफगानिस्तान में सात सितंबर को कार्यवाहक सरकार का ऐलान किया. कतर को तालिबान पर सबसे अधिक प्रभाव रखने वाले देशों में से एक माना जाता है.
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