स्मृति ईरानी : दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के मामलों के निपटारे के लिए देश में बनाए गए 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा है
कि केंद्र सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को उच्च प्राथमिकता देती है। केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि केंद्र ने इस संबंध में विभिन्न विधायी योजनाबद्ध हस्तक्षेप किए हैं। स्मृति ईरानी ने कहा कि बलात्कार के मामलों और पॉक्सो एक्ट के तहत मामलों के तुरंत निपटान के लिए 1,023 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें स्थापित की गई है।
इसमें आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018, आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 जैसे कानून शामिल है। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2006, दहेज निषेध अधिनियम, 1961 को भी शामिल किया गया है।
योजनाओं में वन स्टॉप सेंटर (ओएससी), महिला हेल्पलाइन का सार्वभौमिकरण (डब्ल्यूएचएल), महिला पुलिस स्वयंसेवकों (एमपीवी), आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) शामिल है। जो एक नंबर (112)/ मोबाइल ऐप आधारित प्रणाली है। आपात स्थिति के लिए एक साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल अश्लील सामग्री की रिपोर्ट करने के लिए और साइबर फोरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया है।
पॉक्सो अधिनियम के तहत बलात्कार के मामलों के त्वरित निपटान के लिए 1023 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) की स्थापना की गई है। निर्भया फंड के तहत अधिकार प्राप्त समिति ने हाल ही में बलात्कार/सामूहिक बलात्कार पीड़ितों और गर्भवती होने वाली नाबालिग लड़कियों को न्याय दिलाने के लिए महत्वपूर्ण देखभाल और सहायता के लिए एक योजना को मंजूरी दी है।
विदेशों में 10 भारतीय मिशनों में वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) खोलने का प्रस्ताव है। महिलाओं और लड़कियों में आत्मरक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्कूल शिक्षा विभाग, बिहार सरकार, पंजाब शहरी स्थानीय निकाय निगरानी ग्रिड फॉर वुमन सेफ्टी (पंग्रिड-डब्ल्यूएस) के लिए स्थानीय सरकार विभाग, पंजाब का प्रस्ताव 167 शहरी स्थानीय में लागू किया जाना है।
केंद्र ने यौन उत्पीड़न के लिए स्थापित की जांच ट्रैकिंग प्रणाली केंद्र सरकार द्वारा की गई पहल के बारे में और जानकारी देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बताया कि यौन अपराधों के लिए एक जांच ट्रैकिंग प्रणाली जो कि जांच की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन विश्लेषणात्मक उपकरण है।
इसे केंद्र द्वारा स्थापित किया गया है। यौन अपराधियों पर एक राष्ट्रीय डेटाबेस (एनडीएसओ) भी बनाया गया है। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को समय-समय पर सलाह जारी किए जाने की जानकारी देते हुए महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) अपराध पर जानकारी संकलित और प्रकाशित करेगा।
इसके प्रकाशन में कहा गया है कि एनसीआरबी की वेबसाइट पर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध का सालवार राज्यवार आंकड़ा उपलब्ध है।
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