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पंजाब में कृषि कानून का विरोध : किसान बोले- पहले मालगाड़ियों को अनुमति दें, फिर यात्री ट्रेनों के बारे में करेंगे विचार

पंजाब में कृषि कानून का विरोध : किसान बोले- पहले मालगाड़ियों को अनुमति दें, फिर यात्री ट्रेनों के बारे में करेंगे विचार

पंजाब में कृषि कानून का विरोध : किसान बोले- पहले मालगाड़ियों को अनुमति दें, फिर यात्री ट्रेनों के बारे में करेंगे विचार

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चंडीगढ़। पंजाब में कृषि विधेयकों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच मुद्दा अभी सुलझता नहीं दिख रहा है। पंजाब में किसान इन विधेयकों के खिलाफ अपनी मांगों पर अड़े हैं।

राज्य में इस विरोध प्रदर्शनों की वजह रेल सेवाएं ठप पड़ी हैं। जिसके कारण रेलवे को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार के ‘अड़ियल’ रवैये की निंदा करते हुए कहा कि

केंद्र पहले मालगाड़ियों का परिचालन शुरू करे इसके बाद वे यात्री रेलगाड़ियों को चलने देने पर विचार करेंगे। मीडिया से यहां बात करते हुए किसान नेताओं ने जोर देकर कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

किसान नेता रुलदू सिंह ने कहा कि केंद्र ने पंजाब और यहां के किसानों, कारोबारियों और श्रमिकों के खिलाफ अड़ियल रवैया अपनाया है और हम केंद्र सरकार के इस रुख की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में मालगाड़ियों का परिचालन रोके हुए करीब एक महीने का समय हो गया है।

पंजाब किसान यूनियन के नेता सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को पहले मालगाड़ियों का परिचालन शुरू करना चाहिए और उसके बाद हम यात्री गाड़ियों के परिचालन पर आपात बैठक कर फैसला करेंगे।

पंजाब में कृषि विधेयकों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच मुद्दा अभी सुलझता नहीं दिख रहा है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर केंद्र मालगाड़ियों का परिचालन शुरू करता है तो हम यात्री गाड़ियों के बारे में सोचेंगे।रेलवे ने पंजाब में मालगाड़यां चलाने से किया इनकार उल्लेखनीय है कि रेलवे ने पंजाब में मालगाड़ियों के परिचालन को बहाल करने से इनकार कर दिया है।

रेलवे का कहना है कि या तो वह मालगाड़ी और यात्री गाड़ी दोनों का परिचालन करेगा या फिर किसी का भी परिचालन नहीं करेगा। किसानों ने दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश के साथ हुई बैठक बेनतीजा रहने के कई दिन बाद यह बैठक की।

सिंह ने कहा कि केंद्र के अड़ियल रवैये की वजह से किसान, कारोबारी और श्रमिक बुरी तरह से प्रभावित हुए है। उन्होंने आगे कहा कि

करीब 30 किसान संगठनों के प्रतिनिधि कृषि कानूनों के खिलाफ 26 और 27 नवंबर को दिल्ली प्रदर्शन करने के लिए ट्रैक्टर से जाने को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि लाखों किसान ट्रैक्टर से दिल्ली जाने को तैयार हैं।

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