जानिए दिवाली पर क्यों लगाया जाता है आंखों में काजल
दिवाली का त्योहार 14 नवंबर 2020 को मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं। दिवाली के दिन दिवाली के काजल को लगाने का भी विधान है।
लेकिन क्या है दिवाली के काजल का महत्व और क्यों लगाया जाता है दिवाली के दिन काजल चलिए जानते हैं… दिवाली के दिन काजल बनाने को अधिक अधिक महत्व दिया जाता है।
इस दिन काजल बनाने के लिए कच्चे दीए को जलाकर सारी रात ढककर रखा जाता है। इस दीपक की ज्योती से ही रात में मिट्टी का दीया अंदर से काला हो जाता है और उसका काजल बन जाता है।
इस काजल को ही दिवाली के दिन परिवार के लोग आखों में लगाते हैं। इस काजल को दिवाली के दिन लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस काजल को घर की मुख्य जगहों पर भी लगाया जाता है।
घर की अलमारी के साथ यह काजल तिजोरी, खाना बनाने के चूल्हे आदि पर भी लगाया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सुख और समृद्धि का वास होता है।
इस काजल को घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर को किसी भी प्रकार की बुरी नजर नही लगती है। इसके अलावा यह काजल लगाने से न केवल आखों की रोशनी बढ़ती है। बल्कि बुरी नजर से बचाव होता है।
इसी कारण से दिवाली के काजल को अधिक महत्व दिया जाता है और दिवाली की रात प्रत्येक घर में काजल बनाया जाता है और यदि दिवाली पर काजल के वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें
तो दिवाली की रात में पटाखे जलाने के कारण प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ जाता है। जिसके कारण आखों की समस्याएं बहुत अधिक बढ़ जाती है। इस दिन प्रदुषण का स्तर बढ़ने के कारण आखों में जलन,
आखों का लाल होना और बार- बार आखों में खुजली होती है। जिसके कारण आखों में से पानी निकलने लगता है। अगर ऐसे में आप काजल लगाते हैं तो प्रदुषण के आखों में होने वाली सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
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