कोरोना की वैक्सीन, दवाएं हो जाएंगी टैक्स फ्री? शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगा फैसला!
कोरोना के इलाज में जरूरी दवाओं, उत्पादों, उपकरणों और वैक्सीन पर सरकार जीएसटी हटा सकती है. कई राज्यों ने केंद्र सरकार से ये मांग की है. जीएसटी हटाने को लेकर फैसला अगली जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जा सकता है.
28 मई को जीएसटी काउंसिल की बैठक 7 महीने के लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार 28 मई को जीएसटी काउंसिल की 43वीं बैठक होनी है, राज्यों ने जीएसटी काउंसिल की 43वीं बैठक बुलाने पर खुशी जताई है, राज्यों को उम्मीद है कि सरकार कोरोना महामारी के बीच जीएसटी को लेकर ये राहत दे सकती है.
अभी वैक्सीन पर 5 परसेंट जबकि कोरोना से जुड़ी दवाओं और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स पर 12 परसेंट जीएसटी लगता है. कुछ राज्यों ने कोरोना के इन सभी प्रोडक्ट्स पर जीएसटी खत्म करने या कम करने की मांग की है.
काउंसिल बैठक पर होगी नजर पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा का कहना है कि 9 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर उनसे कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले सभी तरह के उपकरणों और दवाओं पर सभी तरह के टैक्स और सीमा शुल्क हटाने की मांग की थी,
लेकिन कुछ हुआ नहीं. जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले अमित मित्रा ने उम्मीद जताई कि मौजूदा संकट में काउंसिल सभी तकनीकी दिक्कतों और नौकरशाही अड़चनों से आगे बढ़कर काम करेगी.
जीएसटी घटाने के फायदे और नुकसान? आपको बता दें कि बीते गुरुवार को ही फिटमेंट पैनल की एक बैठक हुई थी, जिसमें कोरोना वैक्सीन और इससे जुड़े उत्पादों पर जीएसटी घटाने या जीरो करने पर चर्चा हुई थी. पैनल में केंद्र, राज्य और जीएसटी काउंसिल सेक्रेटेरिएट के अधिकारी शामिल रहे.
पैनल ने जीएसटी में बदलाव से होने वाले फायदे और नुकसान और वैक्सीन की कीमत पर पड़ने वाले असर की लिस्ट तैयार की है, जिस पर इस शुक्रवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा हो सकती है.
क्या जीएसटी खत्म करने से बढ़ जाएंगे दाम? आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GST घटाने पर कोरोना से जुड़े उत्पादों के दाम बढ़ने की बात कही थी. उन्होंने तर्क दिया था कि अगर वैक्सीन पर पूरे 5 परसेंट की छूट दे दी जाती है तो टीका मैन्यूफैक्चरर्स को कच्चे माल पर दिए गए
टैक्स की कटौती का फायदा नहीं मिलेगा, ऐसे में वो इसकी लागत ग्राहकों से वसूल करेंगे और कीमतें बढ़ जाएंगी. दरअसल, जब किसी चीज पर जीएसटी वसूला जाता है तो मैन्यूफैक्चरर्स उस उत्पाद पर सरकार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेते हैं, जब जीएसटी जीएसटी से छूट मिलती है तो मैन्युफैक्चरर्स इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं कर सकते हैं, तब वो ग्राहकों से इसकी भरपाई करेंगे.
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