यह एक बहुत दुःख भरा दृश्य है।
सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा की गई एक क्लिप में बच्चा बिहार में एक स्टेशन पर अपनी मृत मां के ऊपर पड़े कपडे को हटा कर उसको उठाने की कोशिस करता दिख रहा है, यह एक बहुत दुःख भरा दृश्य है।
गंभीर गर्मी, भूख और प्यास के क्षणों में उसकी मृत्यु हो गई।
यह फोटो और वीडियो बिहार के मुजफ्फरपुर के एक स्टेशन की है, जहां महिला सोमवार को प्रवासी केमजदूरों ले लिए चलाई गई एक विशेष ट्रेन में पहुंची।
एनडीटीवी’ की रिपोर्ट के अनुसार महिला के परिजनों का कहना है कि खाना और पानी की कमी के कारण ट्रेन पर उसकी तबीयत अस्वथ हो गई थी। लेकिन मुज़फ़्फरपुर स्टेशन पर पहुँचने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई। स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म पर जब उसका शव रखा हुआ था तभी वह बच्चा उससे खेल रहा था और तभी किसी ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाल दिया और वीडियो वायरल हो गया ।
मार्च माह के अंत में हिंदुस्तान बंद होने के बाद लाखों प्रवासी मजदूर और उनके परिवार के साथ अन्य परिवार अन्य शहरों में फंस गए हैं। इसके चलते मजदूरों का काम बंद हो गया और पैसा आना ठप्प हो गया जिसके चलते श्रमिकों को अपने घरों के लिए हजारों किलोमीटर दूर, पैदल या साइकिल, ऑटो या ट्रकों से अपने घरों में जाते देखाजा रहा है । सड़क दुर्घटना में या भूख और प्यास के वजह से घर पहुंचने के पहले कई लोगों की मृत्यु हो गई।
सरकार ने प्रवासियों को घर भेजने के लिए विशेष रेलगाड़ियाँ शुरू कीं,
इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने प्रवासियों को घर ले जाने के लिए विशेष रेलगाड़ियाँ शुरू कीं, लेकिन यह प्रक्रिया कागजी कार्रवाई और गड़बड़ियों से घिरी हुई लगती है, यह देखा जाता है कि बहुत से प्रवासी मजदूर अभी भी घर पर नहीं हैं और उनके जाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है सड़कों पर।
भारत के कुछ हिस्सों में तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया है।
गृह मंत्रालय के एक हालिया आदेश ने जोर देकर कहा कि गंतव्य राज्यों से ट्रेनें चलाने के लिए कोई अनुमति की आवश्यकता नहीं थी, जिससे लगता है कि अराजकता बढ़ गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में, रेल मंत्रालय ने कहा है कि ट्रेन में चढ़ने के समय महिला बीमार थी और जब उसकी मौत हो गई, तो परिजन उसके शव को मुजफ्फरपुर स्टेशन ले गए। मंत्रालय के अनुसार, महिला अपनी बहन, बहन के पति और दो बच्चों के साथ कटिहार जा रही थी। एनडीटीवी के अनुसार, रेलवे ने कहा है, “परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह पहले से ही बीमार थी, सभी से नकली खबर न फैलाने का आग्रह कर रही थी।”
प्रवासी मज़दूरों को ले जा रही ट्रेनों में भूख-प्यास से लोगों के बेहाल होने की ख़बरें आ रही हैं और इसके लिए रेलवे की आलोचना भी हो रही है। हाल में कई जगह ऐसी शिकायतें आई हैं। हालाँकि रेलवे ने ट्रेनों में भूख से मौतों से इनकार किया है। ट्रेनों में ऐसे ही चार लोगों की मौत पर रेलवे ने ट्वीट कर सफ़ाई दी है।
लोगों की मौत पर रेलवे ने ट्वीट कर सफ़ाई दी है।
इससे पहले दैनिक भास्कर ’ने एक रिपोर्ट में कहा था कि ट्रेनों में कई लोगों की मौत हुई। पश्चिम चंपारण के मोहम्मद पिंटू शनिवार को पटना से दिल्ली के लिए रवाना हुए। सोमवार सुबह दानापुर से मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे। मुजफ्फरपुर के बेतिया से ट्रेन में चढ़ने के दौरान 4 वर्षीय इरशाद की मौत हो गई। पिंटू ने कहा कि उमस भरी गर्मी और पेट में अनाज नहीं होने के कारण उन्होंने अपने प्रिय को खो दिया। महाराष्ट्र से लौट रहा एक मजदूर आरा में ट्रेन में मृत पाया गया। सूरत से लौट रही महिला की उसके पति की गोद में ही मौत हो गई। फिर वह बिहार के सासाराम पहुंच गया। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के बांद्रा टर्मिनल से श्रमिकर विशेष ट्रेन से घर लौट रहे कटिहार के 55 वर्षीय मोहम्मद अनवर की सोमवार शाम बरौनी जंक्शन पर मौत हो गई। ऐसे कई और लोगों के मारे जाने की खबर है।