जम्मू और कश्मीर के प्रमुख मौलवी मुफ्ती फैज-उल-वाहिद का निधन
कुरान के टीकाकार, इस्लामिक विद्वान, जम्मू-कश्मीर के प्रख्यात धार्मिक विद्वान और इस्लामिक यूनिवर्सिटी सेंटर ऑफ एनलाइटनमेंट बठिंडा के अध्यक्ष मुफ्ती फैज-उल-वाहिद कासमी का मंगलवार सुबह 7.45 बजे जम्मू के एक अस्पताल में निधन हो गया.
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र रतन पाल ने कहा कि उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और वह जीवन रक्षक प्रणाली पर थे. पूरी अवधि के दौरान और उनकी मृत्यु के बाद भी उनका कोविड 19 परीक्षण नकारात्मक आया था. जब वह 9 मई को बीमार पड़ गए थे,
तो उन्हें जम्मू के श्री चंद्र कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वह कुरान के एक संस्मरणकार, एक विद्वान, एक मुफ्ती और कुरान के व्याख्याकार भी थे. उन्होंने कुरान का गुजराती में अनुवाद और व्याख्या भी की थी, जिसका पिछले साल से उर्दू में अनुवाद किया जा रहा था.
वह वर्तमान में सेंटर ऑफ एनलाइटनमेंट (दारुल उलूम) के अध्यक्ष मुफ्ती और बठिंडा की मदीना मस्जिद में इमाम थे. वह अल-मारीफ पब्लिक हाई स्कूल के प्रमुख भी थे, जहां 1000 बच्चे पढ़ रहे हैं.
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने खुद को धार्मिक सेवाओं के लिए समर्पित कर दिया और उन्हें न्यायशास्त्र का शिक्षक माना जाता था. मुफ्ती फैज-उल-वाहिद पवित्र कुरान का गुजराती में अनुवाद करने वाले पहले विद्वान थे.
उन्होंने ‘सरजाह मुनिरा’ (गुजराती और उर्दू) लिखा था. उन्हें सार्वजनिक हलकों में एक निडर वक्ता और उपदेशक के रूप में जाना जाता है.
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