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13 और 14 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 व तीनों कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी और मकर संक्रांति मनाएंगे अध्यापक

13 और 14 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 व तीनों कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी और मकर संक्रांति मनाएंगे अध्यापक

13 और 14 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 व तीनों कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी और मकर संक्रांति मनाएंगे अध्यापक

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रोहतक : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के आह्वान पर अध्यापक 13-14 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 व तीनों कृषि कानूनों की अपने-अपने विद्यालयों व घरों में प्रतियां फूंक कर लोहड़ी व मकर सक्रांति का त्योहार मनाएंगे।

यह घोषणा रविवार को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य कन्वेंशन में की गई। कन्वेंशन की अध्यक्षता करते हुए संघ के राज्य प्रधान सीएन भारती ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार उदारीकरण, वैश्वीकरण व निजीकरण की नीतियों को तीव्र गति से आगे बढ़ाते हुए

श्रम कानूनों में संशोधन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं तीन कृषि कानून बनाकर देश को चंद पूंजीपतियों के हवाले कर रही है। जनता के विरोध को अस्वीकार करते हुए पूंजी पतियों के साथ खड़ी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने देश के तमाम सार्वजनिक उपक्रमों जैसे रेल, भेल, हवाई अड्डे, शिक्षण संस्थाएं,

कोयला व बिजली आदि को बेचकर देश में बेकारी व बेरोजगारी को विभत्स रूप प्रदान करने का काम किया है। 15 मार्च से खंड स्तरीय सम्मेलन एवं चुनाव होंगे। इनमें भी शिक्षा नीति का विरोध किया जाएगा।राज्य प्रधान सीएन भारती ने घोषणा करते हुए

कृषि कानूनों की अपने-अपने विद्यालयों व घरों में प्रतियां फूंक कर लोहड़ी व मकर सक्रांति का त्योहार मनाएंगे।

कहा कि यदि बातचीत द्वारा हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग के मुद्दों का सकारात्मक हल नहीं निकालते तो आंदोलन शुरू किया जाएगा। जिसके तहत 27 जनवरी से 28 फरवरी तक संघ खंड स्तरीय प्रदर्शन करेगा। मार्च में जिला स्तरीय प्रदर्शन करते हुए अप्रैल में राज्य स्तरीय रैली की जाएगी।

जिसकी तैयारी के लिए 17 से 20 जनवरी तक सभी 22 जिलों में अध्यापक कार्यकर्ताओं की बैठकें की जाएगी। सरकारी संस्थानों में दाखिले बंद अध्यापक संघ के संगठन सचिव धर्मेंद्र ढांडा व कोषाध्यक्ष राजेंद्र बाटू ने कहा कि प्रशिक्षण प्रदान करने के सरकारी संस्थानों में दाखिले पूर्ण पर बंद कर दिए हैं।

जबकि प्राइवेट संस्थानों की बाढ़ आ चुकी है। मॉडल संस्कृति स्कूलों के नाम पर शिक्षा अधिकार अधिनियम का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड को भी समाप्त किया जा रहा है।

कार्यक्रम में राज्य सचिव सतबीर गोयत व अलका सिवाच ने कहा कि स्कूल मुखिया के 50 प्रतिशत से अधिक पद वर्षों से रिक्त पड़े हुए हैं। सभी वर्गों की पदोन्नति सूचियां लंबे समय से लंबित हैं ।स्कूलों को बंद कर रही

सरकार प्रधान सीएन भारती ने कहा कि वर्तमान स्तर में जारी ऑनलाइन शिक्षण प्रशिक्षण बिना ढांचागत सुविधाओं व प्रशिक्षण के जी का जंजाल बना हुआ है। सरकार केवल आंकड़ों के रूप में यह दर्शना चाहती है कि ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से शत-प्रतिशत बच्चों को शिक्षण उपलब्ध करवाई जा रही है।

भारती ने बताया कि स्कूलों को बंद या मर्जर करने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही। बच्चों को शिक्षक उपलब्ध करवाने के नाम पर वर्तमान हरियाणा सरकार एक भी शिक्षक की भर्ती नहीं कर पाई है।

इसके विपरीत 1983 शारीरिक शिक्षक, 819 ड्राइंग अध्यापक व 1518 ग्रुप डी के कर्मचारियों की छटनी की गई है। एसीपी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति एवं अन्य व्यक्तिगत मामले भी काफी समय से लंबित हैं।

अध्यापकों पर गैर शैक्षणिक कार्यों का भार जबरन थोपा जा रहा है। इन सबको लेकर सभी कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ भारी रोष है और इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।

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